1. Introduction (परिचय)
इंजीनियरिंग और मैकेनिक्स में किसी वस्तु का द्रव्यमान कैसे वितरित है और वह बलों के प्रति कैसे प्रतिक्रिया करता है, यह जानना बहुत ज़रूरी है।
इस उद्देश्य के लिए दो मुख्य सिद्धांत होते हैं:
1. केंद्रक / गुरुत्व केंद्र (Center of Gravity)
2. जड़त्व आघूर्ण (Moment of Inertia)
दोनों ही मशीन डिज़ाइन, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण हैं।
2. केंद्रक (Center of Gravity)
किसी वस्तु का वह काल्पनिक बिंदु जहाँ पर पूरा भार केंद्रित माना जाता है, उसे गुरुत्व केंद्र कहते हैं।
अगर हम वस्तु को इस बिंदु पर सहारा दें तो वह संतुलन में रहेगी। जैसे :-
पत्थर का गुरुत्व केंद्र बीच में होता है
हथौड़े का गुरुत्व केंद्र उसके भारी सिर के करीब होता है
पतंग का गुरुत्व केंद्र उसका संतुलन तय करता है
- गुरुत्व केंद्र की आवश्यकता
- मशीन पार्ट्स को संतुलित रखने के लिए
- विमान, वाहन डिज़ाइन में स्थिरता के लिए
- पुल और टॉवर में भार वितरण समझने के लिए
- गुरुत्व केंद्र निकालने के तरीके
- साधारण सममित आकार के लिए
अगर वस्तु सममित हो और घनत्व समान हो तो CG उसके ज्योमेट्रिक सेंटर पर होगा।
उदाहरण:
आयत का गुरुत्व केंद्र = उसके केंद्र पर
वृत्त का गुरुत्व केंद्र = केंद्र पर
- विशेष आकारों के CG
आकार – जड़त्व आघूर्णका स्थान
आयत – केंद्र पर
त्रिभुज – आधार से ऊँचाई का 1/3
अर्धवृत्त – आधार से ऊपर
वृत्त – केंद्र पर
सिलिंडर – केंद्र अक्ष पर मध्य में
3. जड़त्व आघूर्ण (Moment of Inertia)
जड़त्व आघूर्ण किसी पिंड की घूर्णन गति में परिवर्तन का प्रतिरोध मापता है।
यह किसी वस्तु में द्रव्यमान के वितरण और घूर्णन अक्ष से दूरी पर निर्भर करता है
- उपयोग
बीम और शाफ़्ट की स्ट्रेंथ निकालने में
बेंडिंग और टॉर्शन डिज़ाइन में
वाहन के व्हील बैलेंसिंग में
- स्टैंडर्ड सेक्शन के Moment of Inertia
सेक्शन (क्षैतिज अक्ष के बारे में)
आयत (b × h)
त्रिभुज (b × h)
वृत्त (d)
खोखला वृत्त (D, d)
- गुरुत्व केंद्र और जड़त्व आघूर्ण का संयोजन
गुरुत्व केंद्र – बताता है भार कहाँ केंद्रित है
जड़त्व आघूर्ण – बताता है कि वह भार घूर्णन का कितना प्रतिरोध करेगा
डिज़ाइन में:
पहले गुरुत्व केंद्र निकालते हैं
फिर जड़त्व आघूर्ण का उपयोग करके बेंडिंग/टॉर्शन स्ट्रेस निकालते हैं
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